प्रभु महावीर से यों ही मिले सर्जन के मोती : मोनू जैन
आपकी इनायत मैं कुछ लिख जाऊंगा
जो भी चित्र हो पूरे मन से बनाऊंगा
प्रभु महावीर से यों ही मिले सर्जन के मोती
बीज हूँ पर कल्पवृक्ष की छांह पा जाऊंगा।
प्रभु वर्धमान जिनवर सिद्धार्थ कूल चंदन
त्रिलोक पूजनीय है मां त्रिशला के नंदन
आलोकित है नवधरा दिव्य प्रकाश से
परमपिता महावीर को करें शत शत वंदन।
भाव हैं तो भक्ति का सुमन जरुर खिलेगा
एक बार तो मुक्ति का सिंहासन भी हिलेगा
श्रद्धा की गहराई मोती चुना करती है
चंदना बन कर देखिए वर्धमान जरूर मिलेगा।
मोनू जैन
जिला भिण्ड