इटावा में दर्शनी पंडाल में हुआ स्थानीय मुशायरा
 

 

इटावा। प्रदर्शनी पंडाल में स्थानीय मुशायरे का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया। मुशायरे का शुभारंभ सिटी मजिस्ट्रेट सतेंद्र नाथ शुक्ला, एसडीएम चकरनगर सत्य प्रकाश मिश्रा व चेयरमैन प्रतिनिधि पूर्व चेयरमैन फुरकान अहमद ने मंच पर शमा रोशन करके किया।

 

 

 

मुशायरा संयोजक हाजी इस्माईल अंसारी, सह संयोजक फजलुर्रहमान अंसारी ने अतिथियों सहित शायरों का शाल उढ़ाकर व माल्यार्पण कर स्वागत किया। मुशायरे का आगाज मौलाना अख्तर ने नात शरीफ पेश करके किया। इसके बाद शुरू हुआ शायरी का दौर। पूर्व मंत्री व कवि अशोक यादव ने कहा अल्लाह दिन वो आएंगे गीत खुशियों के गुनगुनायेंगे, दूर हो जाएंगे भरम सारे महफिलें प्यार की सजायेंगे। मुशायरे की अध्यक्षता कर रहे सपा शहर अध्यक्ष मुबारक अंजुम ने कहा आपसे न जब तक मुलाकात थी लुत्फ़ था चैन था हर बात थी, सिर्फ सांपो में ही जहर समझते रहे आदमी से न जब तक मुलाकात थी। वरिष्ठ शायर साबिर इटावी ने कहा कर ले मां बात खिदमत तो मिलेगी जन्नत, इससे आसान कोई और इबादत ही नहीं।

 

 

 

 

 

 

रौनक इटावी ने होशियारी से होशियारों ने लूट लिया, आने वतन को गद्दारों ने लूट लिया, किस पर भरोसा करते किसको अपनाते, कौम को कौम के सरदारों ने लूट लिया। महिला शायर राजदा खातून राज ने कहा बेटी को बचाने की मुहिम रंग लाई हर ओर चौकीदार हैं तौबा दुहाई है, तुमने तो सिर्फ सोने की लंका जलाई थी देखो तो रावणों ने प्रियंका जलाई है। डॉ. फीरोज अंसारी ने कहा ए खुदा मेरी जबां पर हों तराने प्यार के, फिर से तू मुझको दिखा दे वो जमाने प्यार के। शरर इटावी ने कहा कैसे कैसे दिल नशी ख्वाबों के मंजर ले गया, मेरी आँखों से कोई नींदे चुरा के ले गया। सुहेल अहमद ने कहा अज्म फौलाद है सरहद भी गवाही देगी, किसमे हिम्मत है जो भारत मिटाने आये। रियाज इटावी ने कहा छू रहीं आजकल आसमां बेटियां, लिख रहीं हैं नई दास्तां बेटियां। यासीन अंसारी ने कहा फैले हैं जो अंधेरे मिटाना जरूरी है, तालीम के चिराग जलाना जरूरी है। आमिर अफजल ने कहा पत्थरों से तो हिफाजत नहीं मांगा करते, आईने चोट की कीमत नहीं मांगा करते। 

 

 

 

 

इसके अलावा शायर सरदार हसन हाशिम, तालिब, जुल्फिकार खार, मसरूर अहमद, नवाब अहमद, जमाल उद्दीन, इरफान आदिल आदि ने भी कलाम पेश किए। मुशायरे में फजलुर्रहमान, सनाउर रहमान अंसारी, परवेज अंसारी, मोहम्मद अबरार, नईम अख्तर, नदीम अख्तर, सभासद शरद बाजपेई , सिराज अहमद, एशउर रहमान, शावेज़ नक़वी, शमसुद्दीन, इंजी. सरफराज, अंसारी, हाजी शमशाद अंसारी, कामिल कुरैशी, बंगाली अंसारी, शफात बेग आदि ने देर रात तक बेहतरीन शायरी का आनन्द लिया।