सांगली। सांगली की पावन भूमि पर यूफोरिया सोसाइटी के प्रांगण में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान श्री राजेंद्रसूरी गुरु महाराज, मणिभद्रवीर देव, पद्मावती माता आदि जिन बिंबो की अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव श्रमणी गणनायक आचार्यदेव श्री अभयशेखर सूरीश्वरजी महाराज साहेब एवं आचार्य श्री विमलबोधी सुरीश्वरजी महाराज साहेब आदि 70 के लगभग श्रमण श्रमणी भगवंतो की पावन निश्रा में हर्ष और आनंद की उर्मियों की साथ संपन्न हुई। स्वर्गीय नगराजजी तेजराजजी छाजेड़ के सपनों को साकार करते हुए उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सरोजदेवी एवं उनके सुपुत्र मनीष, जयेश एवं अभय ने मंदिर का स्वद्रव्य से निर्माण करवाकर सकल संघ को सुपुर्द किया ।26 फरवरी को प्रात शुभ वेला में नूतन जिनबिंबो एवं आचार्य भगवंतो एवं साधु, साध्वी भगवंतों का सांगली के युफोरिया सोसाइटी में वरघोड़ा के साथ मंगल प्रवेश हुआ ।उसी दिन घर-घर तोरण के लाभार्थी द्वारा सभी घरों में मंगल तोरण बांधे गए। तत्पश्चात सांगली के विभिन्न संघो में गुरुदेव की धर्मदेशना हुई। तारीख 29 फरवरी महोत्सव के प्रथम दिन लाभार्थी परिवारों द्वारा भरत चक्रवर्ती भोजन मण्डप एवं वाराणसी नगरी का उद्धघाटन कर मंगल बेला में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ ।इसी दिन श्री क्षेत्रपाल पूजन भैरव स्थापना ,वेदिका पूजन ,16 विद्यादेवी पूजन नवग्रह पूजन, अष्टमंगल पूजन आदि पूजन कर माणिकस्तंभ की स्थापना की गई शाम को शंकेश्वर पारसनाथ म्यूजिकल ग्रुप इन्दोर के साथ हैदराबाद से पधारे संगीतकार अनीश भंसाली ने भक्ति की रमझट जमाई।
तारीख 1 मार्च महोत्सव के दूसरे दिन प्रतिष्ठा महोत्सव के सभी चढ़ावे आचार्य भगवंतो की निश्रा में संपन्न कराए गए ।इसमें परमात्मा की अमर ध्वजा का लाभ श्री तेजपाल शाह एवं डॉq अजीत मेहता परिवार ने लिया।अन्य सभी चढावो में संघ के सदस्यों ने उत्साह से भाग लिया। चढावो के लिए मुंबई से आए संगीतकार अनिल सालेसा ने जोरदार रंग जमाया दोपहर को लघुसिद्धचक्र पूजन लघु विसस्थानक पूजन एवं श्री लघुनंदाव्रत पूजन का आयोजन किया गया और शाम को अनिल सालेसा द्वारा भक्ति संध्या में सुंदर प्रस्तुतियां दी गई ।
महोत्सव के तीसरे दिन 2 मार्च को प्रभु जी के जन्म कल्याणक का विधान एवं 18 अभिषेक का कार्यक्रम में मंदिर में भव्य रूप से मनाया गया एवं एवं परमात्मा के दीक्षा कल्याणक के भव्यातिभव्य वरघोड़े का आयोजन किया गया जिसमें ढोल नगाड़े, बैंड, घोड़ा, ऊंट, हाथी ,शहनाई वादक रंग-बिरंगे परिवेश में मंडल के श्रावक श्राविका वरघोडा की शोभा बढ़ा रहे थे शाम को पूना से पधारे संगीतकार तरुण मोदी ने भक्ति संध्या में जोरदार रंग जमाया और मध्य रात्रि में परमात्मा की अधि वासना एवं अंजन विधान आचार्य श्री द्वारा किया गया। उत्सव के मुख्य दिन 4 मार्च को प्रात कालीन शुभ बेला में आचार्य भगवंतो द्वारा परमात्मा श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान, श्री राजेंद्रसूरी गुरु महाराज मणिभद्रवीर देव ,एवं पद्मावती माता की प्रतिमाओं को गादिनशीन करवाकर प्रतिष्ठित किया गया एवं दोपहर को अष्टोत्तरी शांतिस्नात्र का पूजन करवाया गया संघ की तरफ से मंदिर निर्माण के लाभार्थी नगराजजी छाजेड़ परिवार को पार्श्वनाथ परमात्मा भरवाने एवं प्रतिष्ठा करवाने का लाभ दिया गया ,श्री राजेंद्रसूरी गुरु महाराज की संपूर्ण देरी, कलश,एवं ध्वजा का लाभ शांतिदेवी जुगराजजी कबदी परिवार को दिया गया 5 मार्च को सुबह द्वार उद्दघाटन के साथ महोत्सव का समापन हुआ संपूर्ण उत्सव के दौरान शुद्ध विधिविधान इंदौर से पधारे पंडितवर्य रत्नेशभाई मेहता ने संपन्न करवाएं एवं पूजा पूजन भक्ति में शकेश्वर म्युजिकल ग्रुप इंदौर ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी एवं कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन महावीर भंसाली सांगली ने किया। सांगली के सभी मंडलों एवं कार्यकर्ताओं के सहयोग से प्रतिष्ठा महोत्सव यशस्वी एवं यादगार बन गया।